नीद में आते हैं बुरे सपने? तो हो जाइए सावधान
नई दिल्ली।
अगर आप नींद में बार-बार बुरे सपने देखते हैं और ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। अगर ऐसा है तो आप मानसिक बीमारी ‘पोस्ट ट्रामैटिक स्ट्रैस डिसऑर्डर’ (पीटीएसडी) का शिकार हो सकते हैं।
मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रशांत शुक्ल ने ‘पीटीएसडी डे’ पर बताया, ‘इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति चिड़चिड़ा और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है। ‘पीटीएसडी’ ऐसी समस्या है, जहां दिमाग में अतीत की घटनाएं वर्तमान में प्रतिक्रया देती हैं।
डॉ. शुक्ल के मुताबिक, शोध में पता चला है कि बचपन में मन पर आघात व परिवारिक तनाव पीटीएसडी होने की संभावना बढ़ाते हैं।
पीटीएसडी के लक्ष्ण : 1- जल्दी जागना और नींद में बुरे सपने देखना 2- एक घटना का बार-बार दिखना या याद आना 3- भूलना या विस्मृति और स्मृति में परेशानी 4- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई 5- अति सतर्कता, अचानक तेज गुस्सा और कभी-कभी हिंसक होना 6- अचानक डर का दौरा पड़ना 7- अकारण मांसपेशियों में दर्द 8- घबराहट और चिंता बनी रहना 9–अत्याधिक शर्म, ग्लानि और शर्मिदगी 10- अत्यधिक भावुक होना 11- घटना से जुड़ी बातों को नजरअंदाज करना
उपचार : पीड़ित की मनोदशा में जल्दी सुधार और आघात के लक्षण कम करने के लिए चिकित्सक ‘मूड एलिवेटर’ थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए सम्मोहन (हिप्नोसिस) का भी सहारा लिया जाता है। जो काफी हद तक कारगर सिद्ध हुए हैं।
मनोचिकित्सकीय तकनीक : 1-संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (कागनेटिव बिहेवरल थेरेपी) : यह एक वैज्ञानिक वातार्लाप की विधि है। इसके तहत दर्दनाक घटनाओं से उपजी गलत सोच के बारे में पीड़ित से बात की जाती है।
2-आघात केंद्रित सीबीटी : यह विधि में पीड़ित को आघात संबंधी वार्ता के लिए प्रोत्साहित कर उसकी झिझक दूर करने सहित चिंता दूर करने की कोशिश की जाती है।
3-नेत्र विचेतन और पुर्नलोकन : इसके अंतर्गत पीड़ित को चिकित्सक की उंगली को देखते हुए अपने आघात के बारे में बातें करने को कहा जाता है। इससे माना जाता है कि पीड़ित के लक्षण में काफी सुधार संभव है। पीटीएसडी के उपचार में यह सबसे कारगर तरीका है।
- How Design is the next buzzword in Indian workspaces - November 22, 2019
- Business of Posture & Place - October 31, 2019
- Triple Patch Procedure saves life of 11-years old Nanded Boy who suffered from rare heart Disease – Suprovalvar Aortic Stenosis - June 19, 2019
- India Healthcare IT Market Outlook to 2023 - June 18, 2019
- 11% of Individuals suffer from Depression Disorder in Maharashtra - June 18, 2019
- Father’s Day: Helping fathers fight back pain - June 17, 2019
- Tips to survive the summers better by Mr Satkam Divya, CEO, KlinicApp - June 12, 2019
- बजाज फिनसर्व अपने #FitForLife अभियान के साथ स्वस्थ भारत की परिकल्पना को करेगा साकार - June 12, 2019
- India to give Cancer Treatment Technology to the West - June 8, 2019
- खाने के बर्तनों का साइज छोटा करके भी हो सकता है डाइट कंट्रोल : जानी-मानी डाइटिशियन स्नेहा परांजपे का सेमिनार - June 6, 2019