जयपुर
सेरेब्रल पाल्सी बच्चों में होने वाला मस्तिष्क विकार है। जन्म के पहले तीन सालों में हुई दिमाग में क्षति के बाद यह लाइलाज हो जाता है। उनमें धीरे-धीरे सुनने, देखने और सीधे चलने में परेशानी होने लगती है। इस रोग के प्रमुख कारण हैं गर्भावस्था के दौरान मां को संक्रमण, मां व बच्चे का ब्लड गु्रप न मिलना, नवजात को पीलिया होना या उसमें संक्रमण आदि। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान मां पर किसी तरह का मनोवैज्ञानिक दबाव पडऩा, घर में कलह आदि होना, ये मां के साथ बच्चे को भी प्रभावित करते हैं। गर्भावस्था के दौरान यदि मां तनाव व बीमारियों से दूर रहे तो बच्चे में इसकी आशंका को काफी हद तक कम किया जा सकता है। गर्भधारण के बाद कई बार सोनोग्राफी या अधिक दवाएं लेने से भी इस रोग का खतरा रहता है। इसका इलाज होम्योपैथी में संभव है। कुछ मामलों में सेरेब्रल पाल्सी पे्रग्नेंसी के दौरान बच्चे में ऑक्सीजन की कमी होने पर भी हो सकती है। या फिर जन्म के समय बच्चे का वजन अधिक कम होना भी इसका एक कारण बनकर उभरता है।
इलाज का आधार
ऐसे मामलों में मां पर हुए मानसिक आघात और बच्चे की प्रवृत्ति व प्रकृति जानकर दवा का चुनाव किया जाए तो बेहतर परिणाम सामने आते हैं। इसके अलावा इलाज से पहले कुछ खास बातों को पूछा जाता है। जैसे अधिक सोनोग्राफी की वजह से रोग होने, बच्चे को किसी तरह की फिजिकल इंजरी, प्रेग्नेंसी के दौरान मां के मन में डर बैठा होना या किसी तरह का मानसिक आघात, गर्भधारण के पहले या बाद में हुई दिक्कत आदि कारणों का गहराई से अध्ययन करने के बाद ही दवाएं तय की जाती हैं।
मानसिक आघात है खतरनाक
प्रेग्नेंसी के दौरान मां को मानसिक आघात से दूर रहना चाहिए। क्योंकि इस दौरान शिशु का शारीरिक शरीर विकास हो रहा होता है और उसके जींस पर असर पड़ता है। कई बार जन्म के बाद बच्चा रोता नहीं है। ऐसे में उसके मस्तिष्क में ऑक्सीजन नहीं पहुंचती और मस्तिष्काघात की आशंका रहती है। इससे बच्चे को सुनने, देखने में समस्या की शिकायत हो सकती है। गर्भवती को अधिक सोनोग्राफी, एक्सरे, दवाइयों से बचना चाहिए। खुश रहने की कोशिश करें। इसके लिए खुद को ऐसे कार्यों में व्यस्त रखें जो आपको सुकून देते हों।
- COVID case rates hit new high for England, study finds - April 7, 2022
- Govt’s focus on affordable healthcare ensured significant savings for poor, middle class: PM Modi - April 7, 2022
- SRL Diagnostics and Skye Air Mobility collaborate to transport pathology samples using drone logistics - April 6, 2022
- Healthineers sets up new production line of CT scanners in Bengaluru under PLI scheme - April 6, 2022
- Lupin inks licensing pact with Alvion to market drugs in Southeast Asia - April 6, 2022
- Yoga Mahotsav: Ayush Ministry to organise event to demonstrate common yoga on World Health Day - April 6, 2022
- LordsMed forays into the medtech space with launch of health ATMs ‘Lords Sehat’ - April 5, 2022
- ‘Friendly viruses’ can be the next big thing in the history of medical research and more - April 5, 2022
- No setback to Bharat Biotech even as WHO suspends Covaxin UN supply: Sources - April 4, 2022
- Govt panel recommends Serum’s Covovax dose for kids aged 12 and above - April 4, 2022