[ad_1]
फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिये उद्यमी आगे आएँ, सरकार हर संभव मदद करेगी : केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर
“मध्यप्रदेश में कृषि एवं खाद्य प्र-संस्करण के अवसर” विषय पर ग्वालियर में शिखर सम्मेलन आयोजित
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री कुशवाह की मौजूदगी में हुआ आयोजन
भोपाल : शुक्रवार, मार्च 5, 2021, 19:51 IST
केन्द्रीय खाद्य प्र-संस्करण उद्योग, कृषि एवं पंचायतीराज व ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि ग्वालियर– चंबल अंचल खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों की स्थापना के लिहाज से अपार संभावनाओं वाला क्षेत्र है। इनका दोहन कर इस क्षेत्र के छोटे और मझौले किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया जा सकता है। सरकार की फूड प्रोसेसिंग योजनाओं का लाभ उठाकर उद्यमी इस क्षेत्र में खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ (फूड प्रोसेसिंग यूनिट) लगाने के लिये आगे आएँ। सरकार फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द मंजूरी दे रही है। श्री तोमर ग्वालियर में आयोजित खाद्य प्र-संस्करण शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खाद्य प्र-संस्करण से जुड़कर किसान भी समृद्ध होंगे। साथ ही उद्यमियों को भी बड़ा फायदा होगा। ‘मध्यप्रदेश में कृषि एवं खाद्य प्र-संस्करण के अवसर और समावेशी विकास के लिये निर्माण साझेदारी’ पर शुक्रवार को हुए इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता मध्यप्रदेश उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने की।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आत्म-निर्भर पैकेज के तहत भारत सरकार ने फूड प्रोसेसिंग की 10 हजार छोटी इकाइयों की स्थापना में मदद देने का निर्णय लिया है। साथ ही कृषि अधोसंरचना पर भी सरकार एक लाख करोड़ रूपए खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल सांस्कृतिक, पुरातात्विक, व्यापारिक क्षेत्र के साथ ही कृषि के क्षेत्र में भी समृद्ध है। यहाँ गेहूँ और धान का उत्पादन तो अच्छा होता ही है दलहन और तिलहन विशेषकर सरसों के उत्पादन, प्र-संस्करण की भी अपार संभावनाएँ हैं। मुरैना, भिण्ड और ग्वालियर में तिलहन प्र-संस्करण के कई उद्योग सुचारू रूप से चल रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मुरैना जिला शहद की दृष्टि से भी अग्रणी है। नेफेड ने शहद का एक एफपीओ बनाया है। जिसके माध्यम से गुणवत्ता युक्त शहद उत्पादन में वृद्धि, बेहतर पैकेजिंग-मार्केटिंग हो पाएगी। यहाँ का शहद देश के साथ दुनिया में भी बिके, इसका प्रयास किया जा रहा है।
दस हजार नए एफपीओ पर सरकार 6 हजार 865 करोड़ खर्च करेगी
केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने शिखर सम्मेलन में बताया कि किसानों की समृद्धि के लिये भारत सरकार 10 हजार नए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनायेगी। इन एफपीओ पर सरकार द्वारा 6 हजार 865 करोड़ रूपए खर्च किए जायेंगे। एफपीओ यदि खेती के लिए 2 करोड़ रुपए तक का ऋण लेते हैं तो उन्हें ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। श्री तोमर ने कहा कि देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं। इन किसानों को उन्नत कृषि तकनीक से जोड़ने और कृषि जोखिम कम करने के लिये सरकार भरपूर मदद कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने 10 करोड़ किसानों के खातों में एक लाख 18 हजार करोड़ की धनराशि जमा कराई है। इस प्रकार सरकार हर छोटे किसान को अतिरिक्त आमदनी के रूप में 6 हजार रूपए दे रही है। सरकार ने किसानों की उपज को सुरक्षित रखने और वाजिब दाम दिलाने के लिये गाँव-गाँव तक कोल्ड चैन बनाने का फैसला भी किया है।
इम्युनिटी बूस्टर फसलों में अपार संभावनाएँ
केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में ज्वार, बाजरा, कोदो और रागी जैसे अनाज ने इम्युनिटी बूस्टर का काम किया है। पूरी दुनिया इसे स्वीकार कर रही है। इसलिये किसान एवं उद्यमी इन फसलों का प्र-संस्करण कर बड़ा फायदा उठा सकते हैं। सरकार इसमें हरसंभव मदद करेगी।
किसान आत्म-निर्भर बनेंगे तो देश आत्म-निर्भर बनेगा : राज्य मंत्री श्री कुशवाह
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि किसान आत्म-निर्भर बनेंगे तो देश आत्म-निर्भर बनेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के तहत किसानों को भी आत्म-निर्भर बनाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पाँच साल में 10 हजार 500 फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ स्थापित करायेगी। इसमें से 262 इकाइयों को मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान ही मदद दी जायेगी। प्रदेश सरकार की केबिनेट ने हाल ही में फूड प्रोसेसिंग के लिये 500 करोड़ रूपए का अनुदान देने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार खेत व मंडी से लेकर बाजार तक किसानों की फसल को सुरक्षित रखने और फसल के वाजिब दाम दिलाने के लिये कोल्ड स्टोर की चैन स्थापित कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला एक उत्पाद के तहत भी उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें ग्वालियर जिले को आलू उत्पादन, शिवपुरी को टमाटर व श्योपुर को अमरूद के लिये चुना है।
केन्द्रीय खाद्य प्र-संस्करण उद्योग संयुक्त सचिव सुश्री रीमा प्रकाश संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना प्रबंध निदेशक मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम श्री जॉन किंग्सली और एसोचैम के वरिष्ठ सदस्य डॉ. ओमवीर सिंह त्यागी ने भी संबोधित किया।
केन्द्रीय खाद्य प्र-संस्करण उद्योग मंत्रालय, राज्य शासन, एसोचैम और इन्वेस्ट इंडिया की संयुक्त भागीदारी से आयोजित इस शिखर सम्मेलन में डाबर, पतंजलि, साँची, आनंद डेयरी व कोकोकोला सहित अन्य कंपनियों एवं फ्लिपकार्ड जैसी खुदरा व्यापार कंपनियों ने हिस्सा लिया। साथ ही खाद्य उत्पादक संगठन, स्व-सहायता समूह व पीएमएफएमई में पंजीकृत उद्यमियों ने अपनी-अपनी खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों के उत्पादों की जानकारी और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया।
भदौरिया/महेश दुबे
[ad_2]
Source link
- COVID case rates hit new high for England, study finds - April 7, 2022
- Govt’s focus on affordable healthcare ensured significant savings for poor, middle class: PM Modi - April 7, 2022
- SRL Diagnostics and Skye Air Mobility collaborate to transport pathology samples using drone logistics - April 6, 2022
- Healthineers sets up new production line of CT scanners in Bengaluru under PLI scheme - April 6, 2022
- Lupin inks licensing pact with Alvion to market drugs in Southeast Asia - April 6, 2022
- Yoga Mahotsav: Ayush Ministry to organise event to demonstrate common yoga on World Health Day - April 6, 2022
- LordsMed forays into the medtech space with launch of health ATMs ‘Lords Sehat’ - April 5, 2022
- ‘Friendly viruses’ can be the next big thing in the history of medical research and more - April 5, 2022
- No setback to Bharat Biotech even as WHO suspends Covaxin UN supply: Sources - April 4, 2022
- Govt panel recommends Serum’s Covovax dose for kids aged 12 and above - April 4, 2022