Commonly Used Blood Pressure Medications Safe For Covid-19 Patients, Study Claims
Covid-19: ब्लड प्रेशर के इलाज में इस्तेमाल की जानेवाली आम दवाओं से अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर नकारात्मक असर नहीं हुआ. ये खुलासा यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया में पेरेलमन स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ताओं ने किया है. रिसर्च के नतीजों को लांसेट रेसपिरेटरी मेडिसीन में प्रकाशित किया गया है.
ब्लड प्रेशर की आम दवा से नहीं हुआ नकारात्मक असर
पहली बार कंट्रोल ट्रायल में साबित किया गया कि कोविड-19 के चलते अस्पताल में मौजूद मरीजों पर ब्लड प्रेशर की दवाइयों से कोई खतरा नहीं हुआ. पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के अधीन होनेवाली रिपलेस कोविड ट्रायल में शोधकर्ताओं ने एसीई इनहिबिटर या एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स को जांचा. ये हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में दवाइयों का दो वर्ग है. उनका मकसद ये पता लगाना था कि दवाइयों के इस्तेमाल से पेचीदगी में कमी होती है या संक्रमण और ज्यादा गंभीर हो जाता है.
सीडीसी के मुताबिक, अमेरिका में 49 मिलियन से ज्यादा वयस्क हाइपरटेंशन के इलाज में दवा का इस्तेमाल करते हैं और उनमें से करीब 83 फीसद यानी 41 मिलियन एसीईआई या एआरबी लेते हैं. महामारी की शुरुआत में कोविड-19 मरीजों के लिए एसीईआई या एआरबी के इस्तेमाल पर शक जाहिर किया गया था. कुछ रिसर्च में सुझाया गया था कि ये दवाइयां सेलुलर रिसेप्टर में कोरोना वायरस के दाखिले को तेज कर सकती हैं जिससे वायरस की संभावित नकल बनने में मदद मिलती है. हालांकि, उसके बावजूद उन दवाइयों को कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए किसी हद तक प्रभावी बताया गया.
कोविड-19 के चलते अस्पताल में भर्ती मरीजों पर परीक्षण
पेरेलमन स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ता जूलियो ए किरिनोस ने कहा, “विश्लेषणात्मक रिसर्च तेजी से किए जाते हैं, लेकिन कंट्रोल ट्रायल निश्चित उत्तर साबित करने के लिए जरूरी होते हैं. उससे पता चलेगा कि ब्लड प्रेशर की आम दवाइयों से कोविड-19 के भर्ती मरीजों पर संभावित प्रभाव होता है.” उन्होंने बताया कि परीक्षण के नतीजे से साबित होता है कि उन दवाइयों का इस्तेमाल अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर जारी रखना सुरक्षित हो सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया में हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर के लिए एसीईआई और एआरबी दो सबसे आम दवाइयां लिखी जाती हैं. उनके मुताबिक, उन दवाइयों और कोविड-19 मरीजों के नतीजों के बीच संभावित संबंध का पता चलता है.
परीक्षण के लिए, शोधकर्ताओं ने कई देशों के 152 प्रतिभागियों की सेवा 31 मार्च और 20 अगस्त 2020 के बीच हासिल की थी. ये सभी कोविड-19 के चलते अस्पताल में भर्ती थे और पहले से ही उन दवाइयों में से एक का इस्तेमाल कर रहे थे. प्रतिभागियों से दवा का इस्तेमाल जारी रखने या रोकने को कहा गया था. उन्होंने अस्थायी तौर पर दवा के ना खाने से होनेवाले प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए निकट से जांचा. वर्तमान में, निर्धारित करने के लिए परीक्षण किया जा रहा है कि क्या इन दवाइयों का इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज में प्रभावी है.
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