Researchers, First Time, Identify Six Distinct Subtypes Of Prediabetes, Made Easier To Control Diabetes
जर्मन वैज्ञानिकों ने पहली बार प्री डायबिटीज के छह अलग उप प्रकार का पता लगाया है. गौरतलब है कि डायबिटीज के किनारे पर पहुंचने की स्थिति को ‘प्री डायबिटीज’ कहा जाता है और बाद में ये टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा देती है. टाइप 2 डायबिटीज होने पर इंसान शुगर का मरीज बन जाता है. प्री डायबिटीज वाले लोगों का ब्लड शुगर निरंतर ऊंचा रहता है लेकिन अभी उनमें टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण विकसित नहीं हुए होते हैं. कई वर्षों बाद इस स्थिति वाले लोगों की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रभाव के प्रति तेजी से प्रतिरोधी हो जाती हैं. इंसुलिन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करनेवाला हार्मोन होता है.
प्री डायबिटीज के छह अल उप प्रकार की पहचान
टाइप 2 डायबिटीज में परिवर्तन उस वक्त होता है जब अग्नाशय इस प्रतिरोध की पूर्ति ज्यादा इंसुलिन के उत्पादन से नहीं कर पाती. इस सिलसिले में वैज्ञानिकों ने 900 लोगों का 25 वर्षों के डेटा को खंगाला. वैज्ञानिकों के मुताबिक छह उप प्रकार में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अलग होता है और पहचान होने से डॉक्टरों को ज्यादा प्रभावी इलाज में मदद मिल सकेगी. विशेषज्ञों ने डायबिटीज से पहले की स्थिति को विभिन्न मेटाबोलिक मार्कर जैसे ग्लूकोज की मात्रा, लीवर फैट, शारीरिक फैट का वितरण, इंसुलिन कार्रवाई और इंसुलिन का स्राव और जेनेटिक खतरे की बुनियाद पर देखा.
डायबिटीज बीमारी को काबू करना हुआ आसान
जर्मन सेंटर फोर डायबिटीज रिसर्च के प्रोफेसर कहते हैं कि उनके रिसर्च से पहले ये बताना मुश्किल था कि प्री डायबिटीज के शिकार आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज के रोगी बन सकते हैं, किस शख्स की किडनी प्रभावित होगी और किसे ज्यादा अंतर नहीं पड़ेगा. शोधकर्ताओं ने बीमारी को विभिन्न कलस्टर में बयान किया है. मेटाबोलिज्म, शरीर में इंसुलिन का बनना और लीवर फैट को विभिन्न कैटेगरी में रखा गया है. माना जा रहा है कि नए रिसर्च से डायबिटीज जैसी बीमारी को बेहतर तौर पर काबू करने में मदद मिल सकेगी.
इन छह उप प्रकार को ज्यादा सत्यापित करने के लिए शोधकर्ताओं ने ब्रिटिश रिसर्च की मदद ली. उसमें 20 वर्षों के दौरान करीब 10 हजार विषयों के मेटाबोलिक स्वास्थ्य का पता लगाया गया था. उन्होंने छह उप प्रकार को अपने रिसर्च पर सटीक रूप से फिट पाया. जिससे प्री डायबिटीज को अलग रोग स्तरीकरण में अंतर करने की पुष्टि हुई.
सीडीसी के मुताबिक, करीब 88 मिलियन व्यस्क अमेरिका में प्री डायबिटीज से पीड़ित हैं, और ये न सिर्फ टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है बल्कि दिल की बीमारी और स्ट्रोक भी हो सकता है. रिपोर्ट में बताया गया कि प्री डायबिटीज की 84 फीसद आबादी समस्या से वाकिफ नहीं होती है.
प्री डायबिटीज वाले लोगों को वजन कम करना, ज्यादा सेहतमंद डाइट, ज्यादा व्यायाम और तनाव कम करने जैसी रणनीतियों पर फोकस करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 58 फीसद तक कम हो सकता है. 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए जीवनशैली में इसी तरह के बदलाव से डायबिटीज का जोखिम 71 फीसद ज्यादा घट सकता है.
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