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हमारे लिए बात जब पकवान की हो, तब प्याज नमक और मिर्च की तरह होता है. ये किसी भी डिश को बेहतर बनाता है. हम सिर्फ प्याज के इसलिए फैंस नहीं हैं क्योंकि उसका स्वाद अच्छा होता है, बल्कि उसके स्वास्थ्यवर्धक फायदों की वजह से भी हम बड़े फैन हैं. लेकिन जब आप प्याज खाते हैं तो आपके शरीर पर क्या असर पड़ता है, ये जानते हैं?
जानकारों का कहना है कि प्याज एंटी ऑक्सीडेंट्स और सूजन रोधी यौगिकों से समृद्ध होते हैं जो दिल की बीमारी का खतरा कम करते हैं, हाई ब्लड प्रेशर को कम करते हैं और ब्लड क्लॉट्स से बचाते हैं. पकवान में उसकी अहम भूमिका और आपके स्वास्थ्य के लिए जबरदस्त फायदा होने के बावजूद, प्याज खाने का एक साइड इफेक्ट है जिसके बारे में आपको वाकिफ होने की जरूरत है. कुछ लोगों का पाचन तंत्र संवेदनशील होता है, ऐसी सूरत में प्याज ब्लोटिंग, ऐंठन और गैस की वजह बन सकता है.
प्याज का न सिर्फ फायदा बल्कि नुकसान भी है
ऐसे लोग जिनको प्याज पचाना कठिन होता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनको इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम है, प्याज दर्दनाक गैस, ऐंठन, ब्लोटिंग की वजह बन सकता है. इसकी वजह उसका घुलनशील फाइबर है जिसे फ्रुक्टन (ओलीगोसैकेराइड) कहा जाता है. ये उफनाने योग्य कार्बोहाइड्रेट छोटी आंत में खराब अवशोषित होते हैं. विशेषज्ञों का अनुमान है कि मात्र 5-15 फीसद फ्रुक्टन छोटी आंत में अवशोषित होता है. शेष कार्बोहाइड्रेट्स कोलन में तेजी से उबाल खाते हैं.
ये तेजी से उफान थोड़ा अतिरिक्त गैस की वजह बन सकता है, लेकिन उन लोगों के लिए जिनको इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम है यानी ये बीमारी बड़ी आंत को प्रभावित करती है. इसके चलते गंभीर ब्लोटिंग, ऐंठन, पेट दर्द और असुविधाजनक मल त्याग हो सकता है. मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से 7 में 1 शख्स प्रभावित होता है. प्याज में मौजूद फ्रुक्टन जो एलर्जी की वजह बनता है, ये मात्र पानी में घुलने योग्य होता है.
ब्लोटिंग, ऐंठन, पेट दर्द है साइड इफेक्ट
इसका मतलब हुआ कि जब सूप में प्याज को पकाने से फ्रुक्टन के तत्व पानी में लीक हो जाएगा, जो पाचन असुविधा की वजह बन सकता है जब आप उस फूड को खाएं. उसका विकल्प प्याज को तेल में धीरे-धीरे पकाना है. अगर आपने ब्लोटिंग या ऐंठन को प्याज खाते समय नहीं पाया. तब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर आपको उसे इस्तेमाल करने के बाद पाचन के मुद्दों का अनुभव होता है, तब आपको किसी मेडिकल प्रोफेशनल से मिलने की जरूरत है. अगर इलाज नहीं किया जाए, तो आप इस असुविधानक साइड-इफेक्ट्स का अनुभव करते रहेंगे.
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